गुरुवार, मार्च 06, 2008

घिर आयी बदरा - शिल्पा देशपांडे

घिर आयी बदरा झोंका कानों में बताए
देखो बारिश दिवानी जाने तेरी भावनाएँ

लडी छुई सी मुई सी पत्तो पत्तों से लिपटे
गिली मेहंदी की पायल बदन में यूँ खनके
चाँद हुआ है दिवाना चाहे बादलोंकी बाहें
देखो बारिश दिवानी जाने तेरी भावनाएँ

आँसमां की बेकरारी बढ गई है कितनी
बुंदों से लद गई है सज गई है ये जमीं
साँसे महकाए बुदो का संगीत सुनाए
देखो बारिश दिवानी जाने तेरी भावनाएँ

घिर आयी बदरा झोंका कानों में बताए
देखो बारिश दिवानी जाने तेरी भावनाएँ

मराठी गीत: शिल्पा देशपांडे
हिन्दी अनुवाद: तुषार जोशी, नागपूर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

आपने यह अनुवाद पढा इसलिये आपका बहोत बहोत आभारी हूँ। आपको यह प्रयास कैसा लगा मुझे बताईये। अपना बहुमुल्य अभिप्राय यहाँ लिख जाईये। अगर आप मराठी जानते हैं और आप इस कविता का मराठी रूप सुन चुकें है तब आप ये भी बता सकतें है के मै कितना अर्थ के निकट पहुँच पाया हूँ। आपका सुझाव मुझे अधिक उत्साह प्रदान करेगा।