शनिवार, नवंबर 25, 2006

प्रेम याने प्रेम याने प्रेम होता है - मंगेश पाडगावकर

मंगेश पाडगावकर मराठी के प्रसिद्ध कवियों में एक हैं। इनका "बोलगाणी" यह काव्यसंग्रह विशेष लोकप्रिय रहा है। इनकी कविता शैली युवकों में अधिक प्रसिद्ध है। "बोलगाणी" इस काव्यसंग्रह से उनकी एक प्रसिद्ध कविता "प्रेम म्हणजे प्रेम म्हणजे प्रेम असतं" प्रस्तुत कर रहा हूँ।


प्रेम याने प्रेम याने प्रेम होता है
आपका और हमारा एकदम सेम होता है

क्या कहा? ये पंक्तियाँ छोटी लगती हैं
काव्यशास्त्र दृष्टीसे ओछी लगती हैं?

लगती हैं लगने दो
ओछी ही रहने दो

फिर भी,
फिर भी

प्रेम याने प्रेम याने प्रेम होता है
आपका और हमारा एकदम सेम होता है

हिन्दी में दय्या रे कहकर आहें भर सकते हो
उर्दू में इश्क कहकर प्रेम कर सकते हो
सारणी में चूक कर भी प्रेम कर सकते हो
कान्व्हेन्ट में सिखकर भी प्रेम कर सकते हो

लव उसी का दूसरा नेम होता है
प्रेम याने प्रेम याने प्रेम होता है
आपका और हमारा एकदम सेम होता है

सोलहवे बरस बदन में फूल खिलते हैं
जागी आँखों में सपनों के झुले झूलते हैं
याद है जब मेरी आपकी सोलह ढ़ली थीं
पानी से नाव तब पूरी भरी थी
लहरों पर मस्ती में नाँच रहे थे
पानी में डूबते डूबते बच रहे थे
डूब भी गए होते चल जाता था
प्रेम ही खिंचकर बाहर निकाल लाता था
आपको ये पता था, हमको भी पता है

क्योंकि
प्रेम याने प्रेम याने प्रेम होता है
आपका और हमारा एकदम सेम होता है

प्रेम शेम कुछ नही, कहने वाले मिलते हैं
प्रेम याने ढोंग ये भी सोचनेवाले मिलते हैं

ऐसा ही एक व्यक्ति हमसे कहने लगा
पाँच बच्चे हो गए मगर प्यार व्यार कुछ किया नहीं
हमारा काम निकल ही गया, प्यार के सिवा चल ही गया

उसे लगा मै मान गया
लेकिन मैं उस दिन जान गया

प्रेम याने प्रेम याने प्रेम होता है
इनका और हमारा सेम नहीं होता है

उसके साथ बहके होंगे बारिष में बहार से
एक चाकलेट आधा आधा खाया होगा प्यार से
भरी धूप में उसके साथ घंटो बिताए हो
दिलों जाँ का सुकुन उसके आगोश में पाए हो

रुठना है प्रेम
हँसना है प्रेम
जम के झगडना और
मान जाना है प्रेम

मन से चिठ्ठी लेखन भी प्रेम है
तिव्रतापूर्वक आलिंगन भी प्रेम है

प्रेम याने प्रेम याने प्रेम होता है
आपका और हमारा एकदम सेम होता है

(बोलगाणी, मंगेश पाडगावकर)


मूल कविता: प्रेम म्हणजे प्रेम म्हणजे प्रेम असतं
काव्यसंग्रह: बोलगाणी (मराठी)
कवि: मंगेश पाडगावकर
स्वैर अनुवाद: तुषार जोशी, नागपुर

4 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी2:30 pm

    बहुत खूब । मर्मस्पर्शी । झकास अनुवाद ।

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  2. मूल कविता का भाव जितना सुन्दर है, उतनी ही कुशलता से आपने काव्यानुवाद भी किया है। बहुत पसन्द आया।

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  3. बहुत बढ़ियां, भावानुवाद पसंद आया, बधाई.

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  4. बेनामी6:23 pm

    तुषार भाई,

    इसका मूल मराठी पाठ भी छाप दो !

    (हम आपके पडोस गोंदिया से है)

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आपने यह अनुवाद पढा इसलिये आपका बहोत बहोत आभारी हूँ। आपको यह प्रयास कैसा लगा मुझे बताईये। अपना बहुमुल्य अभिप्राय यहाँ लिख जाईये। अगर आप मराठी जानते हैं और आप इस कविता का मराठी रूप सुन चुकें है तब आप ये भी बता सकतें है के मै कितना अर्थ के निकट पहुँच पाया हूँ। आपका सुझाव मुझे अधिक उत्साह प्रदान करेगा।