बुधवार, फ़रवरी 21, 2007

जिंदगी पर कुछ बतियातें हैं - संदीप खरे

बुरा बुरा कुछ कुछ अच्छा सा कह जाते हैं
आओ यारों जिंदगी पर कुछ बतियातें हैं

शब्दों में खुदको बस यूँ उलझाते रहों तुम
दिल से जब तक ना अपने दिल मिल जातें हैं
आओ यारों जिंदगी पर कुछ बतियातें हैं

देख के आँधी नाव नाव से करे इशारे
लौट जाए जब आँधी फिरसे बतियाते हैं
आओ यारों जिंदगी पर कुछ बतियातें हैं

अपना सा गर दुख तुमको प्यारा लगता है
ना ना करके दिल को फिर से छलकातें हैं
आओ यारों जिंदगी पर कुछ बतियातें हैं

कलकी कितनी चिंता देखो कतार देखो
कल के बादमें रोज ही फिरसे कल आते हैं
आओ यारों जिंदगी पर कुछ बतियातें हैं

शब्द ले चलो हाथों में आधार रहेगा
राह अंधेरी सफर कठीन गाना गाते है
आओ यारों जिंदगी पर कुछ बतियातें हैं

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कविता: जरा चुकीचे जरा बरोबर
कवि: संदीप खरे
भावानुवाद: तुषार जोशी नागपुर
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इस रचना को आप यहाँ सुन सकते है तुषार जोशी की आवाज़ में

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