कविवर्य विंदा करंदीकर इनकी "घेता" कविता मराठी साहित्य में महत्वपूर्ण मानी जाती है। हमें लेते लेते देने की प्रेरणा ये कविता दे जाती है। इस कविता का मूल रूप आप विकिपेडिया पर पढ सकते हैं।
देने वाला देता जाए
लेनेवालों सौगात ले लो
सब्ज पिले मैदानों से तुम
सब्ज-पिली शाल ले लो
सह्याद्री के अस्तित्व से
हिम्मत वाली ढाल ले लो
इन दिवाने बादलों से
दिवाने आकार ले लो
अगणीत प्रश्नों के धरती से
सब उत्तर साकार ले लो
तुफान भरे सागर से तुम
तुफानी झंकार ले लो
शांत सुंदर भीमा नदी से
भक्ति अपरंपार ले लो
देने वाला देता जाए
लेनेवालों सौगात ले लो
लेते लेते देनेवाले के
एक दिन तुम हाथ ले लो
(घेता, विं. दा. करंदीकर)
मूल कविता: घेता
कवि: विंदा करंदीकर
भावानुवाद: तुषार जोशी, नागपुर
आपके ब्लॉग पर बेहतरीन मराठी कविताओं का हिंदी अनुवाद देख कर मन मुग्ध हुआ . आदान-प्रदान के तहत यदि आप कुछ हिंदी कविताओं का मराठी अनुवाद भी दे सकें तो यातायात दुतरफा होगा .और आपकी अनुवाद-दक्षता से यह लगता है कि यह काम आप भली-भांति कर सकते हैं . आप मेरे ब्लॉग :
जवाब देंहटाएंhttp://anahadnaad.wordpress.com पर मेरी कविताएं देख कर भी अपनी प्रतिक्रिया से अवगत कराएं .