गुरुवार, नवंबर 23, 2006

ये बड़ा कठिन होता है - संदीप खरे

संदिप खरे ये नाम मराठी कविताओं की दुनिया में आजकल गूँज रहा है। वें अपनी भावुक और अर्थभरी कविताओं के लिये लोकप्रिय हो गए हैं। उनकी कविताओं के अल्बम जैसे "आयुष्यावर बोलू काही" बहोत सराहे गए हैं।

आज उनकी एक कविता हिंदी पाठकों के लिये प्रस्तुत कर रहा हूँ। एस कविता का मराठी रूप भी आप यहा पढ सकते हैं। अल्बम "आयुष्यावर बोलू काही" में एक कविता और एक गीत इस तरह हमे ये रचना मिलती है। यहाँ उसी तरह पहले कविता और फिर गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ।


कविता:

गाडी निकली, हाथ हिले और, क्षण में आँखे हो गई गिली
गाडी निकली, लटके चेहरे, हँसी तो थी पर वो थी नकली
गाडी निकली, हाथोंसे वो, हाथ अभी भी छुटता नहीं
मन कहता है, तोड दे नाता, बस कहने से टुटता नहीं
क्यों इतना अपनापन देकर, फिर ये गाडी छूट रही है?
बनकर छोटा याद का बिंदू, आँख के मोती लूट रही है
गाडी तो गई, प्लॅटफार्म पर सिसकीयों की बौछार हो गई
गाडी तो गई, आखों में वर्षा, देखो मुसलाधार हो गई

गीतः

ये बड़ा कठिन होता है, कोई बेहद ही प्यारा, दूर दूर जब जाए
अपनी आँखो के आगे, जिने का मतलब जाए
आँखों में छलके पानी, ओठों में दबी सी सिसकी
तुम उपर से हसते हो, नियती को मज़ा आता है
ये बड़ा कठिन होता है...

फिर भी रखना होता है, हाथों में रुमाल गुलाबी
लहराकर उसे दिखाओ, जब छूट रही हि गाडी
वो खिडकी से तकती है, अपनी धून में रहती है
धीरे से अलविदा कहना, उसको क्या खूब आता है
ये बड़ा कठिन होता है...

अब भूल ही जाना होगा, ये सब तय करते हो तुम
और वो कहती है तुमको, कभी मेरे गाँव आओ तुम
ये जैसे ही कहती है, बावली हुई जाती है
आओ तुम उसका कहना, क्यों प्यार भरा होता है
ये बड़ा कठिन होता है...

वक्त हाथ से निकला, पता चलता रह रह के
अपने सपनों को रखिये, अपनी मुठ्ठी में भरके
मुठ्ठी खुलने से पहले, मन जाने को करता है
लेकिन गाडी का पहिया, घुमता चला जाता है
ये बड़ा कठिन होता है...

वापसी भरी आँखों से, सर्द सर्द आहों से
होठों पर बजती सिटी, तेज़ तेज़ धडकन से
रह रह बढ़ती है दूरी, मन समझाता रहता है
मित्रों से मिलने पर भी, दुख गहराता रहता है
ये बड़ा कठिन होता है...


अल्बम: आयुष्यावर बोलू काही (मराठी)
कवि: संदिप खरे
स्वैर अनुवादक: तुषार जोशी, नागपूर

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इस गीत को आप यहाँ सुन सकते हैं। अवश्य सुने।

4 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छी कवितायें हैं । इन्हें अनुवादित कर बाँटने का शुक्रिया !

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  2. बेनामी8:54 am

    सुंदर कविता का सुंदर अनुवाद धन्यवाद ।

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  3. वाक़ई बढिया कविता है। अनुवाद करने के लिए धन्यवाद।

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  4. अनुवाद किसी भाषा विशेष के साहित्य की अक्षय पूँजी है। मैंने यहाँ सुना है कि अच्छे अनुवादक हमेशा ही साहित्य कि समृद्ध करते हैं। निःसंदेह यह कार्य केवल वहीं संपादित कर सकता है जिसकी दोनों भाषाओं बर बराबर पकड़ हो, जिससे हम जैसे मराठी न जानने वाले भाषाप्रेमी भी मराठी कविता का आस्वादन कर पायें। निश्चितरूपेण तुषार जी एक महान कार्य को मूर्त कर रहे हैं। इसके लिए आपको कोटि-कोटि धन्यवाद.

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आपने यह अनुवाद पढा इसलिये आपका बहोत बहोत आभारी हूँ। आपको यह प्रयास कैसा लगा मुझे बताईये। अपना बहुमुल्य अभिप्राय यहाँ लिख जाईये। अगर आप मराठी जानते हैं और आप इस कविता का मराठी रूप सुन चुकें है तब आप ये भी बता सकतें है के मै कितना अर्थ के निकट पहुँच पाया हूँ। आपका सुझाव मुझे अधिक उत्साह प्रदान करेगा।