रविवार, सितंबर 04, 2011

तुम्हे घटा दिया तो

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तुम्हे घटा दिया तो
कुछ भी नहीं बचेगा जानता हूँ
तुम्हारे बिना जिंदगी
मैं जिंदगी ही नहीं मानता हूँ

मूल मराठी कवी: चंद्रशेखर गोखले
हिंदी अनुवाद: तुषार जोशी, नागपूर

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